इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को भारत में लोकप्रिय बनाने और उनका व्यापक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई नई नीतियां लागू कर रही है। ये नीतियां न केवल पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ावा देती हैं, बल्कि EV उद्योग को भी सशक्त बनाती हैं। FAME-II जैसी योजनाओं और राज्य सरकारों के विभिन्न प्रयासों ने EV अपनाने को प्रोत्साहित किया है। इस लेख में हम इन नीतियों और सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्यों पर चर्चा करेंगे।
FAME-II योजना: भारत में EV को बढ़ावा देने का प्रमुख कदम
FAME-II (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) योजना भारत सरकार की प्रमुख नीति है, जो EVs को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना अप्रैल 2019 में लागू हुई और इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ती और सुलभ बनाना है।
FAME-II योजना की मुख्य विशेषताएं:
सब्सिडी:
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, और फोर-व्हीलर्स पर सब्सिडी प्रदान की जाती है।
सब्सिडी बैटरी की क्षमता (kWh) के आधार पर दी जाती है।
उदाहरण: टू-व्हीलर्स पर प्रति kWh ₹15,000 तक की सब्सिडी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर:
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण के लिए फंडिंग।
2,700 से अधिक चार्जिंग स्टेशनों की योजना बनाई गई है।
बजट:
योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कुल बजट आवंटित किया गया है।
लक्ष्य:
7,000 इलेक्ट्रिक बसों, 5 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, और 10 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को प्रोत्साहन देना।
FAME-II योजना के लाभ:
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम हो रही हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो रहा है।
प्रदूषण स्तर में कमी आ रही है।
पेट्रोल/डीजल पर निर्भरता घट रही है।
राज्य सरकारों की योजनाएं
केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी EV अपनाने को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं। प्रत्येक राज्य ने अपने उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के आधार पर EV नीतियां तैयार की हैं।
- दिल्ली:
रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर अतिरिक्त सब्सिडी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास।
- महाराष्ट्र:
इलेक्ट्रिक वाहनों पर ₹10,000 तक की सब्सिडी।
चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन।
- तमिलनाडु:
EV निर्माण कंपनियों को कर छूट।
बैटरी निर्माण इकाइयों के लिए सब्सिडी।
- गुजरात:
EV खरीद पर राज्य सरकार की सब्सिडी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की योजनाएं।
- कर्नाटक:
EV उद्योग के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना।
ग्रीन मोबिलिटी पर जोर।
सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्य: EV का भविष्य
भारत सरकार ने EV को अपनाने के लिए कई दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इन लक्ष्यों का उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना है, बल्कि भारत को EV निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना भी है।
- 2030 तक EV का 30% लक्ष्य:
भारत सरकार का उद्देश्य 2030 तक देश के कुल वाहनों में 30% EV का हिस्सा सुनिश्चित करना है।
यह लक्ष्य परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए निर्धारित किया गया है।
- ग्रीन एनर्जी पर जोर:
EV चार्जिंग के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सोलर और विंड पावर का उपयोग।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक हरित और टिकाऊ बनाना।
- मेक इन इंडिया और EV निर्माण:
EV और बैटरी निर्माण के लिए निवेश को बढ़ावा देना।
घरेलू और विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कर छूट और अन्य लाभ।
- बैटरी रिसाइक्लिंग:
बैटरी कचरे को प्रबंधित करने और रिसाइक्लिंग तकनीकों का विकास करना।
लिथियम और अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों का पुन: उपयोग।
- सार्वजनिक परिवहन में EV का उपयोग:
सार्वजनिक बसों और टैक्सियों को EV में बदलना।
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत ग्रीन मोबिलिटी पर जोर।
EV उद्योग को समर्थन देने वाले अन्य प्रयास
- वित्तीय प्रोत्साहन:
EV पर GST की दर को 12% से घटाकर 5% किया गया है।
EV लोन पर ब्याज दर में कटौती।
- जागरूकता अभियान:
EV के लाभों के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
पर्यावरण और ईंधन बचत के महत्व पर जोर।
- चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार:
हर 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध कराना।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत सरकार की FAME-II योजना और राज्य सरकारों की EV नीतियां मिलकर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बना रही हैं। इन नीतियों के माध्यम से न केवल EVs की खरीदारी और उपयोग को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी तेजी से हो रहा है।
सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ, भारत न केवल एक हरित परिवहन प्रणाली की ओर बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक EV उद्योग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहा है। अगर आप भी EV खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय सही है। EV अपनाएं और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।