EV की इलेक्ट्रिक कारें इतनी महंगी क्यों हैं? हैं भी !!! या नहीं ....

इलेक्ट्रिक कारें

आपने कभी ना कभी इलेक्ट्रिक कारों के बारे में पढ़ा या सुना होगा। इसकी वीडियो भी जरूर देखी होगी और कई कारें तो पसंद भी आई होगी। लेकिन कहीं ना कहीं आपके मन में सवाल आया होगा की क्या इलेक्ट्रिक कार खरीदना फायदे का सौदा हैं? कई लोग अभी भी इसे खरीदने से डरते हैं या कतराते हैं।

वजहें कई सारी हैं, पर उन वजहों में से एक बड़ी वजह यह है कि इसका महंगा होना। अगर आपको भी यह महंगी लगती है या फिर लगता है कि आपकी जेब पर यह भारी पड़ सकती है। तो इस लेख में आपको हम वह सारी जानकारी देंगे, जिसे जानने के बाद आपका नजरिया इसके प्रति बदल जाएगा। इसके बाद देखते हैं की इलेक्ट्रिक कार आपको कितनी महंगी लगती है। तो आइए शुरू करते हैं।

Table of Contents

ये बात तो आपको माननी पड़ेगी की आज पूरी दुनिया बदलते मौसम से परेशान है, कहीं बाढ़ आ रही है, तो कहीं सूखा पड़ा है। कहीं भूकंप आ रहें हैं, तो कहीं प्रदूषण काफी बढ़ गया है जिससे तरह तरह की अनचाही बीमारी हमारे गले पड़ रही है। इन सबका कारण एक ही है, वो है प्रदूषण। जानबूझ कर या अनजाने मे कहीं न कहीं हम ही इसके जिम्मेदार हैं। इस बात को पूरी दुनिया समझ रही है, और इसलिए सभी देशों में इसके प्रति मुहिम चली है।

हाल के वर्षों में प्रदूषण को लेकर ऐसे कई प्रोजेक्ट्स शुरू हुए हैं जो इसे कम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उसी का नतीजा है की गाड़ियों को भी आज इलेक्ट्रिक की मदद से चलाया जा रहा है और सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है, ताकि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल ज्यादा से ज्यादा उपयोग करे। इसके लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है, और ये सब्सिडी आपका लाखों का बचत करा सकती है, आइए जानते हैं कैसे . . . .

इलेक्ट्रिक कारें : शुरुआती छूट और सब्सिडी

इलेक्ट्रिक कारें

जब आप इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं, तो खरीदते ही आपको भारत सरकार की ओर से लगभग 1.5 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा टैक्स में भी लगभग डेढ़ लाख रुपए की बचत और हो जाती है। साथ ही फेम ।। योजना के तहत सब्सिडी का कैलकुलेशन बैटरी की क्षमता के आधार पर किया जाता है, जो की 10,000 ₹प्रति किलो वाट है। इस प्रकार आपको थोड़ी छूट और मिल जाती है। कुल मिलाकर आपको तीन लाख से ऊपर की छूट मिल जाती है। जो की कुछ जरूरी शर्तों के आधारित होती है जो सब्सिडी से जुड़ी होती है।

राज्य स्तर पर सब्सिडी

इलेक्ट्रिक कारें

केंद्रीय सरकार की सब्सिडी तो लगभग एक जैसी ही होती है, लेकिन आप अपने राज्य में मिलने वाली सब्सिडी के द्वारा थोड़ी छूट और प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए आपकों राज्य सरकार की सब्सिडी की जानकारी लेनी चाहिए साथ में यह भी ध्यान रखना चाहिए की आप जिस मॉडल की कार खरीदना चाह रहे हैं, वह मॉडल सरकार की सब्सिडी के दायरे में आ रही है या नहीं। बड़े फायदे के लिए यह ध्यान में रखना जरूरी है।

कार लोन पर टैक्स लाभ

इलेक्ट्रिक कारें

आयकर अधिनियम की धारा 80 ईईबी के तहत अगर आप इलेक्ट्रिक कार  खरीदने के लिए लोन लेते हैं, तो उसे पर भी आपको तुरंत डेढ़ लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है जिससे कार की कीमत और भी काम हो जाती है।

अगर हम उदाहरण के लिए Tata C कर्व EV की बात करें जिसकी एक्स शोरूम कीमत लगभग 17.5 लाख ₹ है, जो ऑन रोड की कीमत पर 18.47 लाख ₹ तक पहुंच जाती है। केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी पर यह लगभग 3 लाख घट जाती है और कीमत 15 लाख 12,000 ₹ तक हो जाती है। टैक्स छूट की भी बात करें तो, इसकी कीमत लगभग 13,50,000 के आसपास पड़ेगी।

रोजाना खर्च में भी भारी बचत

इलेक्ट्रिक कारें

अगर आप पेट्रोल कार चलाते हैं, तो आपको पता होगा कि रोजाना उसके ईंधन में कितना खर्च आता है। अगर इसी की तुलना इलेक्ट्रिक कार के ईंधन से की जाए, तो बहुत कम आएगी। उदाहरण के लिए यदि आप रोजाना 100 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं तो पेट्रोल पर 387₹ प्रतिदिन खर्च हो जाता है। जिसे हम अगर 400 मान ले, तो 25 दिन की कीमत 10,000₹ हो जाती है।

इस रकम की तुलना अगर हम इलेक्ट्रिक कार से करें, तो बिजली की कीमत ₹6 प्रति किलो वाट के हिसाब से 100 किलोमीटर में लगभग 10 किलोवाट बिजली खर्च होगी। जो की एक दिन में सिर्फ ₹60 ही होगा और 25 दिन में यह सिर्फ ₹1,500 का हिसाब बनेगा। अगर सही से हिसाब किया गया तो आप साल में पेट्रोल के करीबन ₹1,20,000 रुपए बचा सकते हैं। यानि की 7 साल में लगभग 7 लाख के आसपास।

बैटरी वारंटी और रखरखाव

इलेक्ट्रिक कारें

वारंटी की बात करें, तो इस कार का कंपनी की तरफ से 8 साल या फिर 1,60,000 किलोमीटर तक की बैटरी की वारंटी मिलती है। यानी आपको बैटरी की चिंता करने की भी जरूरत नहीं है, करीबन 8 सालों के लिए। इस बीच बैटरी में कुछ भी होता है, तो इसका वहन कंपनी करेगी, जो की कुछ नियम और शर्तों पर आधारित होती है। जिससे बैटरी खराब होने पर अतिरिक्त  खर्च की चिंता कम हो जाती है। वारंटी के तहत अगर बैटरी में कोई भी दोष पाया जाता है, तो मुफ्त में बदली जाएगी लेकिन दुर्घटना या गलत उपयोग का मामला है तो कीमत देनी पड़ सकती है।

दीर्घकालीन बचत

इलेक्ट्रिक कारें

7 साल के उपयोग के दौरान ईंधन खर्च की बचत और टैक्स डिस्काउंट की मदद से इलेक्ट्रिक कार का कुल कीमत  6.5 लाख तक हो जाती है (सब्सिडी और टैक्स डिस्काउंट जो की 4.5 लाख के करीब होती है जिससे कार की कीमत 13.5 लाख हो जाती है उस पर 7 साल का पेट्रोल की कीमत 7 लाख भी घटा दिए जाए तो कार की कीमत 6.5 लाख ही पड़ी।)। ये तो मैंने लगभग में कम ही हिसाब लगाया, सभी को मिलाकर अच्छे से जोड़ा जाए तो  पता चलेगा कि यह उतना भी महंगा नहीं है जितना कि आप सोच रहे हैं।

निष्कर्ष

इलेक्ट्रिक कारें

शुरुआती तौर पर इलेक्ट्रिक कार को खरीदने पर हो सकता है, आपको लगे कि यह बहुत महंगा है। लेकिन लंबे टाइम में यह फायदे का सौदा साबित होता है। सरकारी सब्सिडी, टैक्स छूट और ईंधन की बचत के कारण इसे लंबे समय में और अधिक लाभकारी समझा जा सकता है। जब भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे तो सिर्फ एक्स-शोरूम की कीमत पर आश्रित नहीं रहे, यह भ्रमित या डरा सकता है। इसके बजाय सब्सिडी, टैक्स बचत,  ईंधन खर्च और वारंटी को मिलाकर वास्तविक खर्च का मूल्यांकन जरूर कर लें। इससे आप न सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि अपनी जेब को भारी बोझ से बचा सकते हैं।

FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत इतनी अधिक क्यों होती है?

इलेक्ट्रिक वाहनों में गाड़ी का सबसे महत्वपूर्ण भाग उसकी बैटरी ही होती है। बैटरी की ऊर्जा वाहन के सभी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को चलाने के लिए इस्तेमाल होता है, चाहे वह गाड़ी का मोटर हो, लाइटस हो, AC हो या डिजिटल डिस्प्ले। सभी को ऊर्जा बैटरी से ही मिलती है। ऐसे मे यह जरूरी हो जाता है की गाड़ी की बैटरी इतनी बड़ी तो हो की वो इतनी ऊर्जा का संरक्षण कर सके की निर्धारित स्थान तक जाने के लिए गाड़ी के सभी सिस्टम को पर्याप्त ऊर्जा का वितरण कर सके। इस कारण इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी बड़ी होती है और बैटरी का खर्च ईवी की लागत का एक बड़ा हिस्सा होता है। साथ ही अभी भी इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड कम है, उत्पादन कम मात्र मे होने के कारण भी इनकी कीमत अधिक होती है। अभी भी कई कार निर्माता नई तकनीक से अपरिचित हैं,जिससे उत्पादन की लागत बढ़ती है।

क्या इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल से सस्ता है?

कीमत के नजरिए से देखा जाए तो इलेक्ट्रिक वाहन महंगे लग सकते हैं, लेकिन अगर लंबे उपयोग की बात की जाए तो जहां पेट्रोल वाहन के ईंधन और उसके रख रखाव का खर्च बढ़ता जाता है साथ ही प्रदूषण भी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन के बैटरी को बहुत कम पैसे में फूल कर सकते हैं। जो की तुलना करने पर पेट्रोल वाहन से काफी सस्ती होती है और पेट्रोल पे होने वाले ईंधन खर्च को भी बचा सकते है। लंबे उपयोग के नजरिए से देखा जाए तो इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हैं।

इलेक्ट्रिक कार का सबसे महंगा हिस्सा कौन सा है?

इलेक्ट्रिक कार का सबसे महंगा हिस्सा उसका बैटरी होता है। जहां सारी ऊर्जा एकत्रित रहती है, जिससे वाहन के सभी इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनन्ट कार्य करते हैं। साथ ही बैटरी पैक से ही निर्धारित होता है, की वाहन मे कितना पॉवर और रेंज होगा, जिससे आप एक स्थान से दूसरे स्थान जा पाएंगे।

क्या इलेक्ट्रिक कारों का कोई भविष्य होता है?

यह कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे की ग्राहक उसे कितना अपना रहे है। कंपनियां उपभोगता की मांग को पूरा कर पा रहे हैं या नहीं, आदि। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है की 2025 के अंत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री नई कारों की बिक्री का 20% तक हो सकता है। वहीं 2030 तक 40% और 2040 तक ev की बिक्री लगभग सभी नई कारों की बिक्री का हिस्सा हो सकती है।

अगर हम सब इलेक्ट्रिक कारों में चले जाएं तो क्या होगा?

बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण न जाने कितनी ही अनचाही बीमारियाँ चोटी उम्र मे ही हो जा रही है। जो की एक गंभीर समस्या है। दूसरी ओर ऐसी कई परियोजनाएं चल रही है जिससे पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को बचाने के लिए हैं। CNN health की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर हम पेट्रोल या गैस वाहन से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करते हैं, तो 2050 तक बाल अस्थमा, बाल तीव्र बोकाइटिस और उच्च और निम्न श्वसन जैसी कई बीमारियों से बचा जा सकता है। EV को अपना कर हम अपना और भविष्य आने वाले पीढ़ी को कम से कम प्रदूषण से होने वाले रोगों से बचा सकते है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top